प्रेमचंद जी की मुख्य कहानियां
- प्रेमचंद जी की पहली कहानी- 'संसार का अनमोल रत्न' यह मैं 1907 ईस्वी में 'जमाना' पत्र में प्रकाशित यह उर्दू में 'नवाब राय' नाम से लिखी गई
- प्रेमचंद नाम से रचित पहली कहानी -ममता 1908
- डॉक्टर नगेंद्र के अनुसार हिंदी में रचित सर्वप्रथम कहानी- 'सौत' 1915
- गणपति चंद्र गुप्त के अनुसार प्रेमचंद की प्रथम हिंदी कहानी- पंच परमेश्वर 1916
- नगेंद्र के अनुसार प्रेमचंद की हिंदी में रचित अंतिम कहानी- कफन 1936
- प्रेमचंद का प्रथम कहानी संग्रह सोजे वतन 1907. ( यह कहानी संग्रह 1960 ईसवी में उर्दू में प्रकाशित हुआ था अंग्रेजी सरकार द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाया गया , प्रतिबंध के बाद ही ये 'नवाब राय' नाम को छोड़कर 'प्रेमचंद' नाम से लिखने लगे
प्रेमचंद
की कहानियों को तीन सोपानों मे विभाजित किया जाता है
इन सोपानों में सम्मिलित मुख्य कहानियां यहां पर दी गई है
1. प्रथम
सोपान -1915-1920
ई.
इस
सोपान में आदर्शवादी कहानियों को सम्मिलित किया गया है
- प्रथम सोपान की कहानियां- सौत 1915
- पंच परमेश्वर 1916
- सज्जनता का दंड 1916
- ईश्वरीय न्याय 1917
- दुर्गा का मंदिर 1917
- बलिदान 1918
- आत्माराम 1920
2. द्वितीय
सोपान-1920 से 1930
इस
सोपान में प्रेमचंद जी की यथार्थवादी कहानियों को सम्मिलित किया गया है
- बूढ़ी काकी 1921
- विचित्र होली 1921
- गृहदाह 1922
- हार की जीत 1922
- परीक्षा 1923
- आपबीती 1923
- उद्धार 1924
- सवा सेर गेहूं 1924
- शतरंज के खिलाड़ी 1925
- माता का हृदय 1925
- कजाकी 1926
- सुजान भगत 1927
- इस्तीफा 1928
- अलग्योझा 1929
- पूस की रात 1930
3. तृतीय
सोपान-1930 से 1936 तक
इस
सोपान की कहानियों में मानवीय अंतर्द्वंद्वों एवं मानव मनोविज्ञान का सूक्ष्म चित्रण
किया गया है
- होली का उपहार 1931
- तावान 1931
- ठाकुर का कुआं 1932
- बेटों वाली विधवा 1932
- ईदगाह 1933
- नशा 1934
- बडे भाईसाहब 1934
- कफन 1936
अन्य प्रसिद्ध कहानियां-
- मंत्र
- शांति
- पंडित मोटेराम
- मिस पद्मा
- लाटरी
- व्रजपात
- रानी सारंधा
- नमक का दरोगा
- विशेष- प्रेमचंद्र जी द्वारा रचित कहानियों की कुल संख्या लगभग 301 मानी जाती है
- प्रेमचंद की कहानियों का संग्रह 'मानसरोवर' नाम से 'आठ' भागों में सरस्वती प्रेस बनारस द्वारा प्रकाशित करवाया गया |
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